भूमिपूजन की वर्षगांठ पर मोदी-योगी ने सियासी रणनीति का दिया स्पष्ट सन्देश
सपा-बसपा की सॉफ्ट हिन्दुत्व राजनीति का लाभ उठाएगी भाजपा
अयोध्या। उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 के लिए सभी सियासी दल अपने एजेंडे को धार देने में जुट गए हैं। 05 अगस्त को जनेश्वर मिश्र की जयंती पर अखिलेश यादव ने ‘समाजवादी साइकिल यात्रा’ का आगाज किया तो अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के भूमिपूजन की वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला का दर्शन-पूजन एवं आरती की। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के मॉडल का पूजन किया तथा मन्दिर के निर्माण कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी भी प्राप्त की। इसके साथ ही उन्होंने हजारों करोड़ों के विकास प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए अयोध्या के विश्व पटल पर चमकने की बात कही।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के शुभारम्भ के मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वर्चुअल संवाद भी किया। उन्होंने कोरोना संक्रमण काल के दौरान केन्द्र सरकार के कदमों की सराहना की और अयोध्या में केन्द्र की मदद से संचालित हो रही विकास योजनाओं के लिए आभार भी जताया।
इस तरह चुनाव से पहले अयोध्या एक बार फिर सियासत की धुरी बन चुकी है। कुछ दिनों पहले बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने यहां से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आगाज कर ब्राह्मण पॉलिटिक्स का दांव चला तो अब भाजपा धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुर्नस्थापित करने और उसका विकास करने के नाम पर चुनावी रण में उतरती दिख रही है।
योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 2022 के सियासी महायुद्ध की तस्वीर साफ होने के बाद से उन्हे केन्द्र का पूरा साथ मिल रहा है। एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी पीठ थपथपायी और कहा कि उत्तर प्रदेश ने उपज के मामले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नए कीर्तिमान बनाए हैं। राज्य में कोरोना के बावजूद लोगों को सुविधाएं देने का काम बंद नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों के दौर का हवाला देते हुए कहा कि पहले विकास के बारे में न तो बात होती थी और न ही चर्चा। केवल प्रदेश को राजनीति का अड्डा बना कर रखा गया। उन्होंने कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी ने वंशवाद के जरिए तो किसी ने परिवारवाद के लिए यूपी का इस्तेमाल किया। प्रदेश का नहीं बल्कि खुद का हित साधने के लिए तमाम कार्य किए गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मन्दिर निर्माण की कार्रवाई वृहद स्तर पर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में नई अयोध्या बनाने की संकल्पना जल्द पूरी होगी। इसमें अब तक 138 करोड़ की 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। वहीं 54 परियोजनाओं में 3126 करोड़ की लागत से काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके साथ ही अयोध्या को एक नई अयोध्या के रूप में विकसित करने के लिए 8568 करोड़ की नई परियोजनाओं को वर्तमान में डीपीआर के साथ कार्य आगे बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है।
सियासी विश्लेषकों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी का खास मौके पर अयोध्या जाना और योजना के शुभारम्भ के जरिए प्रधानमंत्री के इस तरह के भाषण से भगवा खेमे की चुनावी रणनीति साफ हो गई है। प्रधानमंत्री के वर्चुअल सम्बोधन को कहीं से भी सुना जा सकता था। लेकिन, खास दिन और खास मौके पर अयोध्या से इसे जोड़कर स्पष्ट सन्देश दिया गया। पार्टी रामलला और अयोध्या को हर हाल में चुनाव के दौरान अपने केन्द्र में रखेगी। उसकी देखादेखी सपा और बसपा जितना सॉफ्ट हिन्दुत्व की राजनीति करेंगे, भगवा टीम उतना ही उन्हे इसका विरोधी बताकर घेरेगी।
इसके साथ ही इस बात का जोर शोर से प्रचार किया जाएगा कि पिछली सरकारों में अयोध्या की कितनी अनदेखी हुई, जबकि मोदी-योगी सरकार में हजारों करोड़ों के प्रोजेक्ट के जरिए रामनगरी को विश्वस्तरीय बेहतरीन शहर के रूप में तब्दील किया जा रहा है। इस तरह आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर सियासत और तेज होती नजर आएगी।