वाराणसी। दुष्कर्म के आरोपी घोसी सांसद अतुल राय और पीड़ित के आत्मदाह प्रकरण में गलत जांच रिपोर्ट लगाने के आरोप में वाराणसी जेल में बंद निलम्बित पुलिस उपाधीक्षक अमरेश सिंह बघेल को शासन ने बर्खास्त कर दिया। अमरेश सिंह बघेल इसी मामले में पीड़ित द्वारा आत्मदाह किए जाने के बाद एसआईटी की रिपोर्ट में दोषी पाये जा चुके हैं। अमरेश सिंह बघेल को 30 दिसम्बर, 2020 को निलम्बित किया गया था। इसके बाद ही बीते माह 30 सितम्बर में उनको वाराणसी पुलिस ने बाराबंकी से गिरफ्तार किया था। इस वक्त अमरेश बघेल वाराणसी जेल में बंद हैं।
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भेलूपुर के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक अमरेश सिंह बघेल ने बसपा सांसद अतुल राय के प्रभाव में आकर दुष्कर्म पीड़ित के खिलाफ गलत रिपोर्ट लगाई। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में सांसद अतुल के पक्ष में दुष्कर्म पीड़ित के खिलाफ गवाही भी दी थी। जबकि दूसरी ओर पीड़ित वाराणसी पुलिस के साथ ही क्षेत्राधिकारी अमरेश सिंह बघेल पर आरोप लगाती रही। पुलिस के रवैये से परेशान होकर दुष्कर्म पीड़ित और उसके साथी ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर लिया था।
इसके बाद मामले की जांच एसआईटी के हवाले की गई। बाद में लंका थाने में अमरेश सिंह बघेल पर आत्महत्या के लिए उकसाने, लोकसेवक पद की गरिमा धूमिल करने तथा अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस उपाधीक्षक अमरेश बघेल सब इंस्पेक्टर से प्रमोट होकर इंस्पेक्टर और फिर डिप्टी एसपी बने थे। अब उनकी बर्खास्तगी से तत्कालीन पुलिस अफसरों की धड़कनें तेज हो गई हैं। तत्कालीन काशी जोन के एडीसीपी रह चुके विकास चन्द्र त्रिपाठी को भी एसआइटी की जांच के बाद से निलम्बित किया जा चुका है। इसी तरह एसएसपी अमित पाठक पर भी पीड़ित ने आरोप लगाए थे। इसके बाद से गाजियाबाद एसएसपी अमित पाठक को हटाकर डीजीपी मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। दोनों अफसरों के खिलाफ जांच चल रही है।