कहा, सपा-भाजपा ब्राह्मणों को लेकर राजीनतिक स्वार्थ, सस्ती लोकप्रियता के लिए कर रही नाटकबाजी
लखनऊ। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू हुई ‘ब्राह्मण पॉलिटिक्स’ के हर रोज नये-नये रंग देखने को मिल रहे हैं। सियासी दल अपने विरोधी नेताओं को भी याद कर नमन कर रहे हैं, तो साथ में तंज कसने का भी मौका नहीं छोड़ रहे। प्रखर समाजवादी और छोटे लोहिया कहे जाने वाले स्व. जनेश्वर मिश्र की जयंती पर ऐसा ही सियासत देखने को मिली।
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने स्व. मिश्र की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया। दरअसल छोटे लोहिया की जयंती पर सपा पूरे प्रदेश में समाजवादी साइकिल यात्रा का आयोजन कर रही है। इस दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं प्रदेश मुख्यालय से राजधानी के जनेश्वर मिश्र पार्क तक साइकिल चलाकर पहुंचे।
इस पार्क को अखिलेश सरकार में ही बनाया गया था और यहां जनेश्वर मिश्र की आदमकद प्रतिमा भी स्थापित की गई है। स्व. मिश्र की जयंती और पुण्यतिथि पर सपा नेताओं का यह जमावड़ा रहता है। वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर जनेश्वर मिश्र को याद करते हुए सपा ‘ब्राह्मण पॉलिटिक्स’ को धार देने का प्रयास कर रही है।
साइकिल यात्रा से पहले अखिलेश ने अपने ट्विटर हैंडल से जनेश्वर मिश्र पार्क की तस्वीरें भी खास अंदाज में पोस्ट की। इसमें उन्होंने इस पार्क को ‘लंग्स ऑफ द सिटी’ कहकर सम्बोधित किया है। वहीं उन्होंने कहा कि ‘जनेश्वर मिश्र पार्क सपा का काम, जनता के नाम।’
सपा की यही रणनीति मायावती को रास नहीं आई। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि स्व. जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उनको हार्दिक श्रद्धा सुमन अर्पित। सपा पर हमलावर होते हुए मायावती ने कहा कि जनेश्वर मिश्र के नाम पर लखनऊ में जो पार्क है उसे बीएसपी सरकार ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर बनाया। लेकिन, सपा सरकार ने जातिवादी सोच व द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों आदि की तरह बदल दिया, यह कैसा सम्मान?
मायावती ने कहा कि बीएसपी की प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी की प्रदेश के जिलों-जिलों में अपार सफलता के बाद सपा को अब जनेश्वर मिश्र व भाजपा सरकार द्वारा सताए हुए उनके समाज की याद आई है। उन्होंने कहा कि यह सब इनकी राजनीतिक स्वार्थ व सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटकबाजी नहीं है तो और क्या है?
दरअसल प्रदेश की जनसंख्या में ब्राह्मणों की आबादी 10 से 11 प्रतिशत होने का दावा किया जाता है। विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा जहां इस वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन शुरू कर चुकी है। वहीं समाजवादी पार्टी भी इस वर्ग के नेताओं को जोड़कर वोटबैंक की सियासत कर रही है। सत्तारूढ़ दल भाजपा भी चुनाव में ब्राह्मण चेहरों पर दांव लगाएगी तो कांग्रेस भी अंदरखाने ब्राह्मण चेहरे तलाश कर रही है। इस तरह ‘ब्राह्मण पॉलिटिक्स’ को आने वाले दिनों में सियासी दलों के बीच नूराकुश्ती और तेज होने की सम्भावना है।
जनेश्वर मिश्र पार्क को कहा ‘लंग्स ऑफ द सिटी’
साइकिल यात्रा से पहले अखिलेश ने अपने ट्विटर हैंडल से राजधानी के जनेश्वर मिश्र पार्क की तस्वीरें भी खास अंदाज में पोस्ट की। इसमें उन्होंने इस पार्क को ‘लंग्स ऑफ द सिटी’ कहकर सम्बोधित किया है। वहीं उन्होंने कहा कि ‘जनेश्वर मिश्र पार्क सपा का काम, जनता के नाम।’