-लखनऊ विश्वविद्यालय में पूर्व छात्रसभा के कार्यक्रम में की शिरकत
-विश्वविद्यालय में बिताये छात्र जीवन की यादें हुईं ताजा
लखनऊ। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राजधानी लखनऊ पहुंचे। इस दौरान विश्वविद्यालय में पूर्व छात्रसभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान उनकी छात्र जीवन से जुड़ी तमाम यादें ताजा हो गईं।
मुख्यमंत्री ने अपने गुरुजनों से आशीर्वाद लिया तो पुराने साथियों के साथ गुजरा सुनहरा वक्त याद किया। इस दौरान छात्र जीवन में उनके साथ पढ़ने वाले साथियों ने जब मुख्यमंत्री को उसी चिर परिचित अन्दाज में देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सभी ने पूरी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया तो मुख्यमंत्री ने भी उन्हें पूरा अपनत्व और सम्मान दिया।
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मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व कार्यक्रम के संयोजक दयाशंकर सिंह के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के किस्से साझा किये। उन्होंने कहा कि जब तक भगवान की इच्छा नहीं होती है एक पत्ता भी इधर से उधर नहीं होता है। वह इससे पहले भी यहां आने के इच्छुक थे। लेकिन, शायद भगवान की इच्छा थी कि मुख्य सेवक बनने के बाद ही वह लोगों के बीच आएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हे लखनऊ विश्वविद्यालय छोड़े हुए 21 साल हो गए। वह भले ही मुख्यमंत्री बन गये हों। लेकिन, इसके बाद भी कुछ नहीं बदला। वह अभी भी वैसे ही हैं, जैसे पहले एक कार्यकर्ता के रूप में थे। उन्हे अभी भी इस तरह लोगों के बीच रहना, समय बिताना बेहद अच्छा लगता है।
इसी तरह अभी भी वह कोशिश करते हैं कि महीने में एक बार अपने विधानसभा क्षेत्र चले जाएं। इस दौरान घर जाने में वहां शारदा नदी, गांव के नजारे देखकर वापस आना का मन नहीं करता। लेकिन, व्यस्तता बढ़ने के कारण ऐसा नहीं हो पाता, क्योंकि देश और समाज के काम में समय की कमी हो जाती है। मुख्यमंत्री बनने के बाद सिर्फ यही बदल जाता है, बाकी कुछ नहीं बदलता है।