आगरा। उत्तराखण्ड की पूर्व राजयपाल बेबीरानी मौर्य अटकलों के मुताबिक एक बार फिर सक्रिय राजनीति में अपनी भूमिका निभाते नजर आएंगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इसे भाजपा का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। इसके जरिए पार्टी अनुसूचित जाति के बीच अपनी बात और प्रभावी तरके से पहुंचाने का काम करेगी।
बेबीरानी मौर्य ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1995 में आगरा की पहली महिला महापौर बनकर की थी। महापौर का कार्यकाल खत्म होने के बाद वह पार्टी के अनुसूचित मोर्चा की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहीं। विभिन्न पदों पर काम किया।
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तीन साल पहले उन्हें उत्तराखण्ड का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। इसी महीने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद बेबीरानी मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ही उनके सक्रिय राजनीति में आने की चर्चा जोरों पर थी। आज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने पर यह बात सच भी साबित हो गई। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेतृत्व ने ये दांव चला है। बेबीरानी मौर्य के जरिए भाजपा अनुसूचित जाति वर्ग के बीच अपनी मजबूत पैठ बनाने का काम करेगी ।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर बेबीरानी मौर्य ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर वह खरा उतरने का प्रयास करेंगी। विधानसभा चुनाव में पार्टी की दोबारा सरकार बनाने के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता में है।