लखनऊ। चित्रकूट की महिला के साथ गैंगरेप के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोषी करार दिया गया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी दोषी पाया गया है।
गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में तीनों को दोषी करार दिया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने बुधवार को ये फैसला सुनाया।
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इसके बाद गायत्री प्रजापति आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को अब 12 नवम्बर को कोर्ट सजा का ऐलान करेगी। वहीं विशेष जज ने इस मामले के चार अन्य अभियुक्त गायत्री के गनर रहे चंद्रपाल, पीआरओ रुपेश्वर उर्फ रुपेश व एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के बेटे विकास वर्मा तथा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
इसके साथ ही विशेष न्यायाधीश ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराने वाली पीड़ित के साथ ही गवाह रामसिंह राजपूत व अंशू गौड़ के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश पुलिस आयुक्त को दिया है।
गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोषी करार दिए जाने से उनके समर्थकों में निराशा है। फैसला आने के बाद अमेठी में उनके आवास पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं गली-चौराहे पर लोग इस फैसले की चर्चा करते दिखे।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 08 फरवरी, 2017 को गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ लखनऊ के थाना गौतमपल्ली में सामुहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़ित की अर्जी पर दिया था।