देहरादून। जीवन मा सांच दगड़ी मिलौ तौ जिन्दगी कतु आसान है जां छि। क्वे घर मा जौ भौत भौ पैद हुं, तौ भौत बटि ईज बौज्यू, भै-बैंणी, आमा-बुबु, काक-काकि, ठुल ईज-ठुल बौज्यू, दिद-भिन यस कतु रिश्त उके मिल जानि।
पर, यौ रिश्त वीक बस मा न हुन कि उ को घर में पैद हुल और कौ वीक सग-सम्बन्धी होल। फिर लै एक रिश्त यस हूं जै कै उं आंपण लिजी खुद बंणू, यौ रिश्त छू ‘दगड़ी’।
जैक दगड़ उ आपण नानछिकान बटिक लिह बेर ठुल हुन तलक दगड़ रूंं। यौ दगड़ि वीक दगड़ पुर जीवन मा हर सुख बटिक दु:ख तलक वीक दगड़ ठाड़ रूं। यै दगड़ि लिजी दुनि मा अगस्त क पैल एतवार ‘दगड़ि दिवस’ नामल मननूी। यै लिजी दुनि सबै नान-ठुल, नई-पुराड़ सबै दगड़ियन क ‘दग्ड़या दिवस’ की बधै हो।
सोबनुकें दग्ङया दिवस की बधाई हो👏👏
बधाई हो