राकेश टिकैत बोले-जारी रहेगा आन्दोलन, 27 सितम्बर को भारत बंद का ऐलान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत को लेकर अब सियासी माहौल गरम हो गया है। अन्नदाताओं के मसीहा माने जाने वाले चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की कर्मभूमि मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में देश के कई राज्यों से अन्नदाता पहुंचे और सरकार पर निशाना साधा। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितम्बर को भारत बंद का ऐलान किया है।
महापंचायत के मंच से टिकैत परिवार ने हुंकार भरी। राकेश टिकैत ने कहा कि ये लड़ाई एमएसपी पर कानून बनने से शुरू हुई है। पूर्ण रूप से फसलों के दाम नहीं तो वोट नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जमीन पर दंगा करवाने वाले को यहां की जनता बर्दाश्त नहीं करेंगी। अगर शहीद भी होना पड़ा तो पीछे नही हटेंगे। किसान कृषि कानून वापस कराने के लिए पूरा जोर लगाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएंगे लेकिन मोर्चा डटा रहेगा। हमारा आन्दोलन खत्म नहीं होगा।
वहीं इस महापंचायत के समर्थन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने कहा कि किसान इस देश की आवाज हैं। किसान देश का गौरव हैं। किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता। खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी सरकार पर कटाक्ष किया।
उधर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने किसान आन्दोलन पर सवाल उठते हुए कहा कि वास्तव में किसानों का नहीं सपा बसपा और कांग्रेस का आन्दोलन है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसी के भी बहकावे में ना आएं तो बेहतर है। केन्द्र और प्रदेश सरकार हमेशा उनके साथ थी और रहेगी।
केशव मौर्य ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता है। देश और उत्तर प्रदेश में किसानों का पूरा सम्मान है। केन्द्र सरकार ने कई दौर में किसान नेताओं के साथ वार्ता भी की है, लेकिन यह लोग कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर पर लगभग आठ महीनों से आन्दोलन कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। जैसे शाहीनबाग में आदोलन टांय-टांय फिस्स हुआ था, वैसा ही हाल इस किसान आंदोलन का भी होगा मौर्य ने कहा, अभी चुनाव होने हैं, ऐसे में पता लग जाएगा कि जनता किसके साथ है।