गोरखपुर। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में गिरफ्तार किये गये पुलिस हेड कांस्टेबल कमलेश यादव ने खुद को बेगुनाह बताया है। उसने घटना वाले दिन किसी भी जानकारी से इनकार किया।
कमलेश सिंह यादव ने एसआईटी कानपुर की पूछताछ में कहा कि वह गाड़ी चला रहा था, उसे कुछ भी नहीं मालूम है। उसने अपने आप को पूरी तरह बेगुनाह बताया। कमलेश ने होटल के अंदर विवाद के सवाल पर कहा कि सरकारी गाड़ी चलाने के कारण वह होटल के अन्दर नहीं गया था। इस वजह से उसे अन्दर की कोई जानकारी नहीं है। सभी के बाहर आने पर वह गाड़ी लेकर मानसी अस्पताल गया, जहां से मेडिकल कॉलेज भी गया।
कमलेश ने मेडिकल कॉलेज पहुंचने में हुई देरी के पीछे जाम की वजह बतायी। हालांकि रात में जाम के सवाल पर उसने पहले चुप्पी साध ली। लेकिन, सवाल दोहराने पर फिर वही बात कही।
गोरखपुर पुलिस ने हेड कांस्टेबल कमलेश यादव को बुधवार को गिरफ्तार किया था। वहीं इस मामले में उप निरीक्षक विजय यादव अभी भी फरार है। इससे पहले हत्यारोपित दरोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत कुमार मंगलवार को गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
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कानपुर के बर्रा निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितम्बर को गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने आए थे। तीनों तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नम्बर 512 में ठहरे थे। 27 सितम्बर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया। आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी।