टोक्यो। टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में भारतीय पैरा एथलीटों (Indian Para Athletes) का शानदार प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को ऊंची कूद (High Jump) में मरियप्पन थंगावेलु (Mariyappan Thangavelu) ने रजत पदक जीता, तो वहीं शरद कुमार (Sharad Kumar) ने कांस्य पदक जीतकर भारत का परचम लहराया है।
Just as at Rio 2016, #IND have 2️⃣ athletes in the podium places in Men's High Jump T63 Final! 🔥🔥
Mariyappan Thangavelu and Sharad Kumar have won #silver and #bronze medals respectively, taking 🇮🇳's medal tally into double figures! 😍#Tokyo2020 #Paralympics #ParaAthletics pic.twitter.com/HSadcK8Nnt
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 31, 2021
टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में भारत के पदकों की संख्या 10 तक पहुंच गई। जिनमें 2 स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। भारत पदक तालिका में 10वें स्थान पर है।
मरियप्पन थंगावेलु ने 1.86 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक जीता। खेलों में यह उनका दूसरा पदक है, इससे पहले उन्होंने रियो 2016 में स्वर्ण पदक जीता था। इस बीच, शरद कुमार ने 1.83 मीटर के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ अंक को हासिल करने के बाद कांस्य पदक जीता।
रियो 2016 के रजत पदक विजेता, संयुक्त राज्य अमेरिका के सैम ग्रीवे ने अपने तीसरे प्रयास में सफलतापूर्वक 1.88 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता। एक अन्य भारतीय और रियो 2016 के कांस्य पदक विजेता वरुण सिंह भाटी सत्र के सर्वश्रेष्ठ 1.77 मीटर के साथ सातवें स्थान पर रहे।
टोक्यो में भारी बारिश के बीच, भारतीय तिकड़ी ने अच्छी शुरूआत की। वरुण सिंह भाटी ने सफलतापूर्वक 1.69 मीटर की छलांग लगाकर अच्छी शुरूआत की। जल्द ही, शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु ने अगली छलांग से 1.73 मीटर की दूरी तय की।
वरुण भाटी दो असफल प्रयासों के बाद, तीसरे प्रयास में अंततः 1.73 मीटर ऊंचाई तय कर ली। इसके बाद भाटी ने 1.77 मीटर को आसानी से पार कर लिया, लेकिन अंत में 1.80 मीटर की ऊंचाई पार नहीं कर सके।
इस बीच, शरद और मरियप्पन को कोई कठिनाई नहीं हुई। शरद और मरियप्पन ने पहले प्रयास में क्रमशः 1.80 मीटर और 1.83 मीटर की उंचाई पार की। मरियप्पन ने तीसरे प्रयास में 1.86 मीटर ऊंचाई को पार किया। जबकि शरद 1.86 मीटर की ऊंचाई पार करने में नाकाम रहे और तीसरे स्थान पर रहे।
इसके बाद मरियप्पन और यूएसए के सैम ग्रीवे ने अपने तीसरे प्रयास में जल्द ही 1.86 मीटर का निशान पूरा कर लिया, लेकिन इसके बाद मरियप्पन 1.88 मीटर की ऊंचाई तय नहीं कर सके और उन्हें रजत से संतोष करना पड़े।