कुंवर अशोक सिंह राजपूत
नई दिल्ली/लखनऊ। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बैठकों का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नए कोरोना वैरिएंट को देखते हुए कंटेनमेंट की गाइडलाइंस को 31 दिसम्बर तक बढ़ा दिया है। राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने टेस्टिंग और ट्रैकिंग के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व के अनेक देशों में कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी की खबरों के बीच दूसरे देशों से प्रदेश आ रहे हर व्यक्ति की जांच की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन तथा एयर पोर्ट पर जांच व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देने के साथ कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। उत्तर प्रदेश में अब तक 524 आक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील किये जा चुके हैं।
Admiral R Hari Kumar takes charge as 25th Chief of Indian Naval staff
इस बीच हरियाणा सरकार ने 1 दिसम्बर से प्रदेश भर के स्कूलों को खोले जाने का फैसला बदल दिया है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए अब स्कूल इस तारीख पर नहीं खुलेंगे। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इसकी जानकारी दी है। वहीं 28 नवम्बर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र से आगे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए मंथन किया। इस बैठक में उन्होंने सभी राज्यों को छह सूत्रीय उपाय बताए व पुराने दोहराये।
दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने पूरी दुनिया में दहशत फैला दी है। दो दिन पहले एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के नए ओमीक्रोन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं, जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है। गुलेरिया ने कहा है यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिलें और जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लिया है, उन्हें इसे लेने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
केन्द्रीय् स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अगर राज्य इन उपायों को अपनाता है तो ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में जल्द से जल्द पता चल सकेगा और इससे निपटने में आसानी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे जांच में इजाफा करें ताकि सही समय पर यह पकड़ में आ जाए और केसों का मैनेजमेंट भी किया जा सके। केंद्र ने राज्यों से कंटेनमेंट जोन तैयार करने के साथ ही राज्यों से हर स्तर पर खास कर हॉट स्पॉट की निगरानी बढ़ाने लिए कहा है। इसके आलावा वैक्सीनेशन के कवरेज में बढ़ोतरी के साथ हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शामिल है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट आरटी-पीसीआर और रैट परीक्षणों से पहचान में आ सकता है। भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने और होम आइसोलेशन की निगरानी को बढ़ाने के लिए कहा है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूनों की जांच जल्द से जल्द सुनिश्चित करने और इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू करने पर भी जोर दिया था।
यही कारण है कि यह टीकों को चकमा देने में सक्षम हो सकता है। इस बीच हेल्थ के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया इनसाकोग कोरोना के नए स्वरूप बी.1.1.1.529 पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में इसकी उपस्थिति का अभी तक पता नहीं चला है। गुलेरिया ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और उस क्षेत्र में जहां मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है, दोनों के लिए बहुत सतर्क रहने और आक्रामक निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सभी से इमानदारी से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए कहना चाहिए और अपनी सुरक्षा को भी कम नहीं करना चाहिए।
एम्स के डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ओमीक्रोन के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति पोषक कोशिका में वायरस के प्रवेश को आसान बनाती है और इसे फैलने देने और संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है। एम्स के निदेशक ने बताया कि कोरोना के नए स्वरूप में स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में कथित तौर पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन हुए हैं और इसलिए इसके प्रतिरक्षा तंत्र से बच निकलने की क्षमता विकसित करने की संभावना है। न
ए वैरिएंट के दृष्टिगत जीनोम की जांच की व्यवस्था किए जाने के निर्देश देने के साथ सरकार की तरफ से कहा गया है कि लखनऊ स्थित केजीएमयू तथा एसजीपीजीआई सहित गोरखपुर, झांसी एवं मेरठ में जीनोम सीक्वंसिंग की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निगरानी समितियां पूरी तरह सक्रिय रहें, ताकि कोविड संक्रमित व्यक्तियों की समय से पहचान हो जाए और उनका समय पर उपचार हो सके।