नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डिफेंस ऑफिस परिसरों का जो काम 24 महीने में पूरा होना था, वह 12 महीनों में पूरा किया गया। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में श्रमिकों से लेकर दूसरी अन्य चुनौतियों से हम गुजरे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस परियोजना में रोजगार मिला है।
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू स्थित रक्षा कार्यालय परिसर का उद्घाटन करने के मौके पर ये बात कही। उन्होंने रक्षा कार्यालय परिसर, अफ्रीका एवेन्यू का दौरा किया और सेना, नौसेना, वायु सेना तथा सिविल अधिकारियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है।
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उन्होंने कहा कि जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता। किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो। आज जब हम Ease of living और Ease of doing business पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है।
क्यों खास है नए रक्षा कार्यालय परिसर
नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग 7,000 अधिकारियों के लिए कार्य करने की जगह उपलब्ध होगी। भवन आधुनिक, सुरक्षित और परिचालन-योग्य कार्य स्थान प्रदान करेंगे। भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और निगरानी की भी पूरी जिम्मेदारी का निर्वहन करेगा।
नए रक्षा कार्यालय परिसर व्यापक सुरक्षा प्रबंधन के उपायों के साथ अत्याधुनिक और ऊर्जा कुशल हैं। इन इमारतों की मुख्य विशेषताओं में एक है–निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का उपयोग। इस तकनीक के कारण पारंपरिक आरसीसी निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने कम हो गया। भवन संसाधन कुशल हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं।
उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सशस्त्र बलों के प्रमुख मौजूद रहें।