नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के सोमनाथ में कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शन गैलरी और जीर्णोद्धार के बाद नए स्वरूप में जूना सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है। साथ ही आज पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास भी हुआ है। उन्होंने लौह पुरुष सरदार पटेल को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित करने की इच्छाशक्ति दिखाई। सरदार साहब, सोमनाथ मंदिर को स्वतंत्र भारत की स्वतंत्र भावना से जुड़ा हुआ मानते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई। लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ। आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकत। आतंक के बलबूते साम्राज्य खड़ा करने वाली शक्तियां कुछ समय के लिए भले ही खड़े हो जाएं, लेकिन उनका अस्तित्व स्थायी नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं। देश में लगभग 40 बड़े तीर्थ स्थानों को विकसित किया जा रहा है, जिनमें 15 परियोजनाओं पर काम को पूरा कर लिया गया है। गुजरात में भी 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के तीन प्रोजेक्ट पर प्रसाद योजना के तहत काम चल रहा है।