नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्धनगर में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री ने इसे भारत और उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के निर्माण में एक प्रमुख दिन बताया है। इस प्रोजेक्ट के लिए योगी सरकार ने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण के विकास के लिए 1,334 हेक्टयर (लगभग 3,300 एकड़) भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसके निर्माण के लिए ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से एवीएशन सेक्टर की कम्पनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इण्टरनेशनल एजी का चयन किया गया है।
30 हजार करोड़ की है परियोजना
नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का विकास दो स्टेज में किया जाएगा। प्रथम स्टेज में यह एयरपोर्ट दो रन-वे का होगा, जो दूसरे स्टेज में बढ़ कर पांच रन-वे का हो जाएगा। दो रन-वे का यह एयरपोर्ट 70 मिलियन यानी 07 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का होगा तथा इस पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये व्यय होंगे।
2023-24 में पहली उड़ान होगी शुरू
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों की क्षमता की दृष्टि से नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का विकास चार चरणों में होगा। प्रथम चरण में वर्ष 2023-24 में 12 मिलियन यानी 01 करोड़ 20 लाख यात्रियों की वार्षिक क्षमता का यह एयरपोर्ट प्रारम्भ में एक रन-वे का होगा, जो वर्ष 2031 में बढ़कर 30 मिलियन यानी 03 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का और दो रन-वे का हो जाएगा। वर्ष 2036 में यह 50 मिलियन और वर्ष 2040 में यह 70 मिलियन यानी 07 करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता का हो जाएगा। नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण वर्ष 2023-24 में जनता को समर्पित होगा और यहां से पहली उड़ान प्रारम्भ होगी।
प्राधिकरण क्षेत्र में परवान चढ़ रहीं कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं
नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के निकट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। इनमें फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्राॅनिक सिटी, एपैरल पार्क आदि सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर का अलीगढ़ नोड भी इस क्षेत्र के निकट है। दादरी में मल्टी-मोडल लाॅजिस्टिक्स हब तथा बोडाकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह सम्पूर्ण क्षेत्र औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र बनेगा।
नई दिल्ली का दबाव करने के लिए प्रोजेक्ट है बेहद जरूरी
नागरिक उडड्यन सचिव राजीव बंसल ने बताया कि इस सेक्टर में जेवर एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा निवेश किया जा रहा है। देश में अभी तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं जो गोवा, नवी मुम्बई और जेवर में होंगे। गोवा का नया एयरपोर्ट अगले वर्ष से आपरेशनल हो जाएगा जबकि नवी मुंबई पर काम शुरू ही हुआ है। विमानन सेक्टर के विकास की गति इतनी है कि दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के यात्रियों का पूरा दबाव नहीं झेल पाएगा। ऐसे में जेवर एक अहम कनेक्टिविटी सेंटर के तौर पर उभरेगा।
यूपी में होंगे सबसे ज्यादा एयरपोर्ट
नागरिक उडड्यन सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभी लखनऊ, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, हिंडन, बरेली, कुशीनगर व वाराणसी में एयरपोर्ट हैं। अगले वर्ष 2022 में अलीगढ़, चित्रकुट, आजमगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती में हवाई अड्डे तैयार हो जाएंगे। इसके बाद वर्ष 2023 में सोनभद्र के मुरपुर और अयोध्या में एयरपोर्ट तैयार होंगे। जबकि वर्ष 2024 में जेवर एयरपोर्ट आपरेशनल हो जाएगा। सरकार को इस एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले हर यात्री पर 400.97 रुपये का शुल्क मिलेगा। अभी देश के हवाई अड्डों पर कुल 90 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। यह निवेश पांच वर्षो में होगा और इससे देश में मौजूदा एयरपोर्ट की संख्या 136 से बढ़ कर 220 के करीब हो जाएगी।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले-पूरे देश के भविष्य को करेगा प्रभावित
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट केवल उत्तर प्रदेश के ही नहीं बल्कि पूरे देश के भविष्य को प्रभावित करेगा। ये एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यूपी में ऐसी सरकारें आई थीं जिन्होंने कभी भी विकास और प्रगति को प्राथमिकता नहीं दी। पहली बार 2001-02 में राजनाथ सिंह के द्वारा जेवर हवाई अड्डे का बीज बोया गया था, तब वो मुख्यमंत्री थे। उसके बाद इसकी फाइलों को कमरे में बंद करके धूल खाने के लिए छोड़ दिया गया।