नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपालों में फेरबदल किया है। बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखण्ड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसके अलावा तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। नागालैंड के गवर्नर आर.एन.रवि तमिलनाडु के नये राज्यपाल होंगे। वहीं असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत को उत्तराखण्ड के राज्यपाल नियुक्त होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह डेप्युटी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी रह चुके हैं।
कई पदकों से सम्मानिक अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह लगभग चार दशकों की सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया।
वह सैन्य संचालनों के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में चीन से जुड़े परिचालन और सैन्य रणनीतिक मुद्दों को भी संभाल रहे थे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना में रहने के दौरान, एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों, वार्षिक संवादों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा रहे।
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लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने महत्वपूर्ण सैन्य कूटनीतिक और सीमा या वास्तविक नियंत्रण रेखा की बैठकों के लिए सात बार चीन का दौरा किया। डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज से स्नातक, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम.फिल किए हैं।
राज्यपाल के तौर पर तीन साल पूरे करने के बाद बेबी रानी मौर्य ने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। चर्चा है कि भाजपा बेबी रानी मौर्य को अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम जिम्मेदारी दे सकती है। उनके चुनाव लड़ने की भी चर्चाएं हैं। वहीं सेना के रिटायर्ड अधिकारी को राज्यपाल बनाकर मोदी सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
देवभूमि से बड़ी संख्या में लोग सेना में भर्ती होते हैं। इसके अलावा यहां सशस्त्र बलों से जुड़े लोगों के परिवारों की भी बड़ी संख्या है। सेवानिवृत सैनिक और उनके परिवार भी राज्य के कई हिस्सों में निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने सेवानिवृत सैन्य अधिकारी को राज्यपाल बनाकर बड़ा दांव खेला है।
आम आदमी पार्टी ने भी इसी समीकरण के मद्देनजर सेवानिवृत कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। हालांकि राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है और इसका सियासत से सीधा कोई वास्ता नहीं होता। लेकिन, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के जरिए मोदी सरकार ने देवभूमि के लोगों को एक सन्देश देने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री धामी से लेकर, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट सहित पार्टी के अन्य नेता पहले से ही सैन्य परिवारों के बीच जाकर अपनी पैठ बनाने में जुटे हैं।