लखनऊ। विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी रणनीति को सिलसिलेवार ढंग से धरातल पर उतारने में जुटे हैं। पार्टी का कुनबा बढ़ाने का उनका अभियान लगातार जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को उन्होंने अन्य दलों के सात विधायकों को सपा की सदस्यता दिलकर सियासी विरोधियों को करारा झटका दिया। इनमें भाजपा के एक और बसपा के छह विधायक हैं। अखिलेश ने इस दांव से अपने विरोधियों पर दबाव बनाने का काम किया है।
इन विधायकों के आने से सपा का कुनबा बढ़ा
पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में सत्तारुढ़ दल भाजपा से बगावत करने वाले सीतापुर सदर के विधायक राकेश राठौर सहित बसपा से निष्कासित छह विधायकों ने सपा की सदस्यता ग्रहण की। इनमें श्रावस्ती से बसपा के विधायक असलम राइनी, हापुड़ से बसपा के विधायक असलम अली चौधरी, प्रयागराज के प्रतापपुर से बसपा के विधायक मुजतबा सिद्दीकी, प्रयागराज के हंडिया से बसपा विधायक हाकिम लाल बिंद, सीतापुर के सिधौली से बसपा के विधायक हरगोविंद और जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से बसपा की विधायक सुषमा पटेल हैं।
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मेरा परिवार भागता परिवार होगा अब भाजपा का नारा
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि सीतापुर सदर से भाजपा विधायक राकेश राठौर के सपा में शामिल होने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा बदल देंगे। अब ‘मेरा परिवार, भाजपा परिवार’ की जगह नारा बदलकर ‘मेरा परिवार-भागता परिवार होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। न तो उनकी आय दोगुनी हुई और न ही ऐसे प्रयास हुए जिससे उनका जीवन बेहतर हो। हाल यह है कि धान तैयार है बिकने के लिए किसान का, लेकिन, भाजपा सरकार में जो कीमत तय की गई थी वह किसान को नहीं मिल रही है।
403 मुख्यमंत्री घोषित करने पर भी भाजपा को नहीं मिलेंगे टिकट मांगने वाले
इससे पहले उन्होंने आज कहा कि भाजपा उप्र में अपने ‘चार सौ तीन’ मुख्यमंत्री भी घोषित कर दे तो भी जनाक्रोश के डर से उसे ‘चार से तीन’ टिकट मांगने वाले भी न मिलेंगे। भाजपा से त्रस्त उप्र की जनता भाजपा को एक-एक वोट के लिए तरसा देगी।