सपा अध्यक्ष ने समाजवादी साइकिल यात्रा का किया आगाज, 400 सीटें जीतने का दावा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी की कोशिशों में लगे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2022 के प्रचार के लिए नया नारा ‘यूपी का यह जनादेश, आ रहे हैं अखिलेश’ जारी किया है। छोटे लोहिया कहे जाने वाले स्व. जनेश्वर मिश्र की जयंती पर ‘समाजवादी साइकिल यात्रा’ का आगाज करते हुए उन्होंने चुनाव में सत्तारूढ़ दल को धूल चटाने का दावा किया। अखिलेश ने कहा कि 2022 के चुनाव में सपा 400 सीटें जीतेगी। जनता भाजपा से नाराज है। भाजपा सरकार ने जनता को धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा था। आज उत्तर प्रदेश का किसान जानना चाह रहा कि काले क़ानून के बाद, जिस तरह से मंड़ी बंद हो चुंकी हैं, क्या उनकी आय दोगुनी हई? आज भी किसानों के गन्ने का बकाया है। सपा पर अक्सर गुण्डाराज को बढ़ावा देने के लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा में अपराधियों की भरमार है। वह ‘मैनीफेस्टो’ नहीं ‘मनीफेस्टो’ बनाते हैं। उनके लिए राजनीति एक व्यापार है। भाजपा की सरकार ने कोरोना के दौरान लोगों की मदद नहीं की और बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं।
अखिलेश ने योगी सरकार के विकास के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ समाजवादी पार्टी के कार्यकाल के सभी कामों का उद्घाटन किया गया। इस सरकार ने हमारे कार्यकाल के दौरान कराए गए कामों नाम बदल दिया। इनको अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही गरीबों की याद आने लगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दवाओं की कालाबाजारी में नम्बर वन है। कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। सरकार गम्भीर रूप से बीमार लोगों को ऑक्सीजन तक नहीं दे पाई। लेकिन, सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी में व्यस्त रही।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता जनेश्वर मिश्र के रास्ते पर है। आज प्रदेश में जगह-जगह साइकिल यात्रा निकाली जा रही है। जिससे कि प्रदेश के हर कोने का हाल जान सकें। मीडिया से बातचीत के बाद अखिलेश यादव पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से जनेश्वर मिश्र पार्क तक के लिए साइकिल यात्रा पर निकले।
इन मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ निकाली जा रही साइकिल यात्रा
समाजवादी पार्टी ने साइकिल यात्रा के माध्यम से अन्याय के खिलाफ संघर्ष का निर्णय किया है। साइकिल यात्रा का उद्देश्य मोहम्मद आजम खां को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में रखने, चरम पर अपराध और भ्रष्टाचार, बेलगाम महंगाई, किसानों पर लगाये गए तीन काले कृषि कानूनों की मार, बेरोजगारी से बेहाल नौजवान, महिला उत्पीड़न, जिला पंचायत में धांधली के कारण लोकतंत्र पर खतरा और चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कोरोना से हुई मौतों के खिलाफ जनरोष दर्ज करना है।