ललितपुर। उत्तर प्रदेश के ललितपुर जनपद में एक युवक ने प्यार की मिसाल कायम की है। मध्य प्रदेश के रहने वाले इस युवक ने नेत्रहीन युवती से शादी कर उसका जीवन खुशियों से भर दिया।
युवक के घरवाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे, जब उसने घर वालों की नहीं सुनी तो मां और भाई ने उसे घर से निकाल दिया। युवक ने अपने घरवालों की एक ना सुनी और अकेले ही बारात लेकर ललितपुर पहुंच गया। ग्रामीणों ने दोनों की धूमधाम से शादी कराई।
यह नायाब शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है। इस शादी की जानकारी होने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नव दम्पति को आशीर्वाद देने से रोक नहीं पाए। श्री चौहान अपने प्रदेश के युवक के हौसले और सोच की प्रशंसा कर रहे हैं। इनकी मदद के लिए सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं।
जनपद के मड़ावरा ब्लॉक अंतर्गत मदनपुर कस्बे में रहने वाले बब्बू रायकवार की बेटी वंदना जन्म से ही नेत्रहीन है। जिसकी वजह से उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी नेत्रहीन बेटी की कभी शादी भी होगी। लेकिन मध्य प्रदेश के सागर जिले के मड़ावन ग्राम में रहने वाले पेशे से कारीगर मोहन रायकवार ने एक बार जब वंदना को देखा तो उसे वंदना से एक तरफा प्रेम हो गया और वंदना से ही शादी करने की उसने ठान ली।
अकेले ही बारात लेकर पहुंचा दूल्हा
जब मोहन ने अपने घर वालों को नेत्रहीन युवती वंदना से शादी करने की बात कही तो मोहन के परिजनों ने शादी कराने के लिये साफ साफ मना कर दिया। जिसके बाद मोहन भी वंदना के प्यार में अंधा हो चुका था और वह अकेले ही बारात लेकर वंदना के गांव मदनपुर जा पहुंचा, जब वंदना के घरवालों और गांव वालों ने अकेले ही बारात लेकर पहुचे मोहन की आंखों में वंदना के प्रति सच्चा प्यार देखा तो पूरे गांव वालों ने एकत्रित होकर दोनों की धूमधाम से शादी करवाई।
क्षेत्र में चर्चा बनी अनूठी शादी
दोनों की अनूठी शादी पूरे क्षेत्र में आज चर्चा का विषय बनी हुई है, वहीं मोहन ने नेत्रहीन वंदना से इस जन्म को ही नहीं सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा कर लिया। यहीं नहीं मोहन के कहना है कि वह वंदना को अच्छे से अच्छे आईस स्पेशलिस्ट को दिखाकर उसकी आंखों की रोशनी लाने की कोशिश करेगा। अगर वह फिर से देख सकेगी तो और भी अच्छा होगा लेकिन मेरे लिये तो वंदना का मेरे साथ रहना ही काफी है।
समाज के लिए पेश किया नायाब उदाहरण
मोहन ने कहा कि उसे मालूम है कि वंदना घर का कोई काम नहीं कर पायेगी, पर वह उसे खुश रखने के लिये खुद ही खाना बनाकर खिलाया करेगा। साथ ही घर का पूरा काम भी वही करेगा। जहां इस अनोखी शादी को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चायें हो रही हैं वहीं मोहन जैसे युवकों के लिये समाज का हीरो की तरह देखा जा रहा है जो वंदना जैसी दिव्यांग के लिये एक सहारा बनकर सामने आया और समाज के लिये एक उदाहण पेश किया।